
बहुत बात ऐसा होता है कि हम मंज़िल के बिलकुल करीब होते हैं और कठिनाइयों के चलते हम हताश हो जाते हैं। ऐसे में हम हार मानने लग जाते हैं। इस कठिन समय में अगर हमें कोई संभाल सकता है तो वह है motivation; इसीलिए हम आपके लिए Best Motivational Shayari का भंडार लेकर आए हैं।
यूं चेहरा लटकाने से क्या बदलेगा
जो है तुझसे पीछे वो भी आगे निकल जाएगा
ऐसे हार मान लेने से क्या होगा सुखराज
तू कोशिश कर यकीनन हो सफ़ल जाएगा
बनना है तो पानी की तरह बन सुखराज
जो प्यास तो बुझाए मगर जरूरत पड़ने पर पहाड़ों को भी चीर के रख दे
काम करो कुछ ऐसा कि जमाने में पहचान बन जाए
निकलो जहां से भी बहीं कदमों के निशान बन जाएँ
यूं तो काट रहा है हर कोई ज़िंदगी यहाँ ऐ दोस्त !
जीना है तो ऐसे जियो के इक मिसाल बन जाएँ
हसीन है यह ज़िंदगी इससे प्यार करो
क्या हुआ अंधेरा है आएगी सुबह इंतज़ार करो
वो पल भी ज़रूर आएंगे जिनका इंतज़ार है
रखो भरोसा खुदा पर और खुद पर इतवार करो
मंज़िलें हैं क्या और रास्ता क्या है
मसला यह है की तू चाहता क्या है
है अगर तेरे अंदर मंज़िल की लगन तो
आगे बढ़ ये अड़चनों का वास्ता क्या है
शमा को बुझाने की फ़ितरत भी बदलेगी
जरा दिया हवाओं पर दबाब तो डाले
मिलने को क्या नहीं मिल सकता यहाँ
कोई दिल में मंज़िल का ख्वाब तो पाले
कश्ती भी लगेगी किनारे पर
तूफानों का मुक़ाबला तो कर
यूं ही हार मान लेने से
भला कौन पार हुआ है
उदास रहने के कारण तो बहुत मिल जाएँगे
मगर बिना वजह मुस्कुराने का मज़ा कुछ और है
क्या फायदा ज़ख़्मों की नुमाईश का ऐ दोस्त
संगदिल है जमाना इसे जलाने का मज़ा कुछ और है
बेस्ट मोटीवेशनल शायरी
हर नज़र में नज़र आना भी कमाल है
आंधियों में गिरकर संभल जाना बे मिसाल है
बुलंदियों को पा लेना कोई बड़ी बात नहीं
उन बुलंदियों पर ठहरना ही कमाल है
खुद ही बनाने पड़ेंगे रास्ते यहाँ तुझको
तू यहाँ किसी और की तालाश ना कर
जो चाहिए खुद ही बन जा इस जमाने में
कोई और तेरे जैसा हो यह आस ना कर
मेरे पैरों के चाले गवाह हैं इस बात के
कि मंज़िल की चाह में कितना तड़पा हूँ मैं
दर्द है दिल में लेकिन होंठों पर
हंसी की फुहार लिए बरपा हूँ मैं
जो ना डगमगाये कभी उसे ईमान कहते हैं
जहां राख़ हो जाएँ सभी उसे शमशान कहते हैं
माना के कठिनाइयाँ बहुत आती हैं मंज़िल ए राह में
मगर जो हार ना माने उसे इंसान कहते हैं
हौंसले जब भी लगे होने हताश तो याद रखना
बिना कठिनाईयों के कभी तख़्त ओ ताज नहीं होते
अंधेरों में ही ढूंढ लिया करते हैं अपनी मंज़िल को
वो जुगनू हैं दोस्त रौशनी के मोहताज नहीं होते